ज्ञानगंज का रहस्य

हिमालय में कहीं स्थित है एक ऐसा जगह जो हमारी पूरी दुनिया से अलग है और किसी मानव के दृष्टि के नज़र के परे है. इसको अंतरिक्ष से भी नहीं देख सकते और न ही इसके स्वरुप को महसूस किया जा सकता है. ज्ञानगंज वह जगह है जहाँ कोई मृत्यु को नहीं प्राप्त होता. इसको सिद्धाश्रम, ज्ञानगंज, शांगरी-ला या शम्बाला भी कहा जाता है. इसका उल्लेख रामायण, महाभारत और पुराणों में भी आता है.

ज्ञानियों के मुताबिक यह एक दुसरे स्तर पर ऊँचे आयाम पर स्थित है. यह है तो पृथ्वी पर लेकिन यह सामान्य लोगों को दूसरे स्वरुप में दीखता है. यहाँ कोई सामान्य मनुष्य नहीं जा सकता सिर्फ उच्च आध्यात्मिक ज्ञान वाला ही जा सकता और उसको सिद्ध लोग ही लेकर जाते है. जहाँ हमारा संसार तीन आयाम पर आधारित है, यह चौथे आयाम पर आधारित है. आज वैज्ञानिक जहाँ अणु से ऊर्जा निकालने सक्षम हुए है वहीँ ज्ञानगंज के सिद्ध ऊर्जा से अणु बनाने में सक्षम हैं. स्वामी विशुद्धानंद के मुताबिक यह पूरा विज्ञान सूर्य और चंद्र-विज्ञान पर आधारित है. उन्होंने यह भी बताया कि हर अणु सूर्य-किरण से बना है तो यदि अणु का सूर्य-किरण में तब्दीली ला दें तो अणु अपना स्वरुप बदल लेता है. इसके बारे में संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य गोपीनाथ कविराज ने अपनी पुस्तक 'सिद्धभूमि ज्ञानगंज' में उल्लेख किया है. गोपीनाथ कविराज ने अपने गुरु विशुद्धानंद के अनुभवों को ही लिखा है. 

ज्ञानगंज के बारे में काफी कुछ पढ़ने पर कोई ठोस प्रमाण तो नहीं मिलता है. लेकिन इसके बारे में अलग-अलग लोगों ने बहुत-सा लिखा है. ऐसा माना जाता है कि कैलाश मानसरोवर के उत्तर में स्थित एक जगह है जो झीलों से घिरा है जिनमे शुद्ध जल है और इसी पर स्थित है एक पुल जो इस संसार को ज्ञानगंज से जोड़ता है. यही वो पुल है जो सूर्य-विज्ञान जो चीज़ों का आयाम बदल देता है.

वैसे यदि ज्ञानगंज है भी तो हमलोग इसको देख नहीं सकते. और बिना देखे ऐसे किसी जगह के बारे में विश्वास के साथ बोल पाना मुश्किल है. इसके विवरण बहुत तिलिस्मी लगते हैं. जो भी है बहुत लोगों ने लिखा है इसके बारे में तो आप लोगों तक पहुँचाने की हमने कोशिश की.

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  1. ज्ञानगंज की पूरी जानकारी -https://www.youtube.com/channel/UC9uVpf6y74Zq3Apm0DqpvLw/videos

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